देश में महंगाई (Inflation) आरबीआई (RBI) के तय लक्ष्य से लगातार ऊपर बनी हुई है. एक ओर इसने लोगों का बजट बिगाड़ा हुआ है, वहीं दूसरी ओर लोगों में बुढ़ापे को लेकर चिंता भी बढ़ा दी है. दरअसल, बढ़ती महंगाई के बीच लोग ज्यादा बचत के बारे में सोच रहे हैं. एक सर्वे में समाने आया है कि लोगों में इस बात की चिंता बढ़ गई है कि उनकी सेविंग रिटायमेंट (Retirement) के बाद जीवन-यापन के लिए पर्याप्त नहीं है.
59% का मानना पर्याप्त नहीं सेविंग
आज तक की सहयोगी वेबसाइट बिजनेस टुडे पर छपी मैक्स लाइफ सर्वे (Survey) की रिपोर्ट के मुताबिक, 59 फीसदी लोगों का मानना है कि उनके द्वारा रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning) के तहत जो सेविंग्स की जा रही है, वो महज 10 साल में ही खत्म हो जाएगी. ‘India Retirement Index Study’ (IRIS) के सेकेंड एडिशन के मुताबिक, आर्थिक अनिश्चितता के बीच भारत में 29 फीसदी से ज्यादा लोग ये मानते हैं कि महंगाई ने उन्हें ज्यादा सेविंग्स के लिए प्रेरित किया है या रिटायरमेंट प्लानिंग के बारे में सोचने के लिए एक ट्रिगर की तरह काम किया है. इससे पहले यह आंकड़ा महज 18 फीसदी था.
Survey में सेहतमंद, स्थिर और वित्तीय तौर पर स्वतंत्र रिटायरमेंट लाइफ जीने को लेकर शहरी भारत की तैयारियों का विश्लेषण किया गया है. रिपोर्ट को देखें तो भारत का रिटायरमेंट इंडेक्स (India’s Retirement Index) 44 था. सर्वे में जो बड़ी बात सामने आई है, वो ये है कि रिटायमेंट के दौरान परिवार, दोस्तों और सामाजिक समर्थन पर लोगों की निर्भरता में इजाफा हुआ है. जो रिटायरमेंट इन्वेस्टमेंट (Retirement Investment) संबंधी योजनाओं में सबसे बड़ी बाधा है.
28 शहरों के 3220 लोग शामिल
मैक्स लाइफ इंश्योरेंस ने यह सर्वे मार्केटिंग डाटा और एनालिटिक्स कंपनी KANTAR के साथ मिलकर किया है. इस सर्वे के जरिए लोगों की रिटायरमेंट के बाद की तैयारियों के स्तर की जांच की जाती है. डिजिटल स्टडी के माध्यम से 28 शहरों में रहने वाले 3,220 लोगों ने सर्वे में हिस्सा लिया. इन शहरों में 6 मेट्रो, 12 टियर-1 और 10 टियर-2 शहर शामिल हैं.
लोगों को इस बात पर खेद
सर्वे के अन्य प्वाइंट्स पर नजर डालें तो 50 वर्ष से अधिक आयु के 86 फीसदी उत्तरदाताओं को वास्तव में इस बात का खेद है कि उन्होंने रिटायरमेंट के लिए पहले से निवेश करना शुरू नहीं किया. रिपोर्ट में कहा गया कि सर्वे में सामने आया कि 59 फीसदी लोग रिटायरमेंट के दौरान Health को सबसे जरूरी पहलू मानते हैं और सिर्फ 31 फीसदी लोग ही Finances को सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं.
2031 तक इतनी होगी बुर्जुग आबादी
मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और सीईओ प्रशांत त्रिपाठी का कहना है कि जैसे-जैसे जीवन प्रत्याशा बढ़ती है और स्वास्थ्य के रुझान बदलते जाते हैं. देश में बुजुर्ग आबादी साल 2031 तक करीब 41 फीसदी बढ़कर 194 मिलियन होने का अनुमान है. उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि लोगों को कम उम्र में रिटारयमेंट प्लानिंग के बारे में सोचना शुरू करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें स्वस्थ और आर्थिक रूप से स्वतंत्र जीवन जीने का अवसर मिले.