सीएम ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मैंने कोई इस्तीफा नहीं दिया, मैं एक योद्धा हूं। आम परिवार से निकला योद्धा लड़ाई में संघर्ष करता है और जीत संघर्ष की होती है। कांग्रेस पार्टी की सरकार पांच साल चलेगी। यह सरकार आम आदमी, कर्मचारियों व महिलाओं की सरकार है। भाजपा की ओर से विधायकों को बरगलाकर जो प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है, वह सफल नहीं होगा। इस लड़ाई को युद्ध की तरह लड़ूंगा। सीएम ने कहा कि बजट सत्र में हम अपना बहुमत साबित करेंगे। भाजपा के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं और जो लोग राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं, वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। भाजपा का सदन में बर्ताव उचित नहीं है।
वहीं, कांग्रेस पार्टी के छह बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए सदन में बहस शुरू हो गई है। पार्टी की तरफ से स्थिति स्पष्ट करने के लिए बुधवार दोपहर डेढ़ बजे तक का समय दिया गया था। स्पीकर के समक्ष दोनों पक्षों के वकील बहस करेंगे। कांग्रेस पार्टी की पैरवी करने के लिए दिल्ली से वरिष्ठ अधिवक्ता पहुंचे हैं
हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र बजट पारित किए जाने के बाद बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर कर दिया गया। इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट से संबंधित विधेयक को पारित करने के लिए प्रस्ताव किया। सदन विपक्ष की गैर मौजूदगी में बजट का पारण हुआ। मुख्यंमत्री सुक्खू ने कहा कि जिन्होंने चेयर से कागज छीने, उन पर कार्रवाई की जाए। जिन्होंने सदन में नाटी लगाई, उन पर भी कार्रवाई करें। जयराम को सत्ता की बहुत भूख है। गुंडागर्दी से यह प्रदेश नहीं चलेगा। यह देवभूमि है। अफसरों को डराने की बात ठीक नहीं है। जयराम ठाकुर का और विपक्ष का राज्यसभा के चुनाव के समय व्यवहार सही नहीं था।
हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा- यह सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। जहां तक मुझे जानकारी मिली है कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने भी अपना इस्तीफा पेश कर दिया है या हो सकता है कि आलाकमान ने उनसे मांगा हो, मुझे पता नहीं है। जयराम ठाकुर ने कहा कि आज वही हुआ जिसकी हमें आशंका थी। हमने सुबह राज्यपाल से मुलाकात की थी और हमने कहा था कि बजट पास कराने के लिए कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में वे भाजपा के विधायकों को निलंबित करेंगे… आज सदन में आते ही संसदीय कार्य मंत्री की ओर से प्रस्ताव लाया गया और 15 विधानसभा सदस्यों को निलंबित करने के लिए कहा गया। हमें मार्शल के माध्यम से बाहर जाने के लिए विवश किया गया, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सदन में निलंबन का प्रावधान तब होता है, जब हम सदन की कार्यवाही में बाधा डालें। हम चर्चा के लिए तैयार थे।