जालंधर, प्रोफेसर डॉ. जसपाल सिंह संधू ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) में वाइस चांसलर का पदभार ग्रहण किया है। वे अपने साथ 35 वर्षों का उल्लेखनीय अनुभव लेकर आए हैं। उनका करियर खेल चिकित्सा, अनुसंधान और नीति-निर्माण में अभूतपूर्व योगदान के साथ-साथ शिक्षा और नेतृत्व में एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड से चिह्नित है, डॉ. संधू ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सेकेट्ररी सहित कई प्रमुख नेतृत्व भूमिकाएँ निभाई हैं। यूजीसी में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने राष्ट्रीय मूल्यांकन और एक्रीडेशन काउंसिल (एनएएसी) के निदेशक के रूप में भी काम किया और कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक संगठनों की गर्वनिंग बॉडी, जैसे कि कंसोर्टियम फॉर एजुकेशनल कम्युनिकेशन (सीईसी), इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (आईयूएसी), और यूजीसी-डीएई कंसोर्टियम फॉर साइंटिफिक रिसर्च के शासी निकायों में योगदान दिया। वह पंजाब के माननीय राज्यपाल के सलाहकार (उच्च शिक्षा) के रूप में कार्यरत हैं।
एलपीयू में कुलपति की भूमिका संभालने पर डॉ. संधू ने कहा, ‘एलपीयू ने पहले ही खुद को उच्च शिक्षा में अग्रणी के रूप में स्थापित कर लिया है और मेरा लक्ष्य इस मजबूत नींव पर निर्माण करना है। मेरा लक्ष्य यूनिवर्सिटी की अकादमिक श्रेष्ठता की विरासत को और बढ़ाना, इनोवेशन को बढ़ावा देना और अंतःविषय सीखने को प्रोत्साहित करना है। मेरा ध्यान एलपीयू की ग्लोबल उपस्थिति का विस्तार करने, शोध क्षमताओं को बढ़ाने और सभी छात्रों के लिए एक समृद्ध, परिवर्तनकारी शैक्षिक अनुभव सुनिश्चित करने पर होगा।
डॉ. संधू एक उच्च कुशल शिक्षाविद और ऑर्थोपेडिक्स और खेल चिकित्सा के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध विशेषज्ञ हैं। वे सरकारी मेडिकल कॉलेज, अमृतसर से चिकित्सा में स्वर्ण पदक विजेता ग्रेजुएट हैं। डॉ. संधू ने नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान, पटियाला में खेल चिकित्सा में पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई की, जहाँ उन्हें यूनिवर्सिटी के टॉपर के रूप में मान्यता मिली। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में लगभग 250 प्रकाशनों के साथ, उनके रिसर्च योगदान को अकादमिक समुदाय से मान्यता प्राप्त है।
डॉ. संधू ने मेडिकल कॉलेज अमृतसर में अपने कार्यकाल के दौरान खेल चिकित्सा में कई महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम शुरू किए, जिनमें एमडी, पीएचडी और फिजिकल थेरेपी में मास्टर्स कार्यक्रम शामिल हैं, जो भारत में अभूतपूर्व थे। बाद में उन्होंने खेल चिकित्सा और फिजियोथेरेपी विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। इसके बाद उन्होंने अपने करियर के दौरान तीन विश्वविद्यालयों में कुलपति के रूप में कार्य किया, जिसमें गुरु नानक देव विश्वविद्यालय (जीएनडीयू) में सात से अधिक वर्षों का प्रभावशाली कार्यकाल शामिल है।
अपने शानदार करियर में, डॉ. संधू कई प्रतिष्ठित एकेडमिक्स के फेलो रहे हैं, जिनमें नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन (सम्मानित होने वाले पहले भारतीय) और एशियन फेडरेशन ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन शामिल हैं। डॉ. संधू के योगदान ने उन्हें व्यापक मान्यता दिलाई है। उन्हें रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन, लंदन का फेलो भी चुना गया है, जो उन्हें स्पोर्ट्स मेडिसिन के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए मिला था। उन्हें भारत सरकार द्वारा फंडिड, अविनाशीलिंगम डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी द्वारा डी.एससी. (ऑनोरिस कॉसा) से भी सम्मानित किया गया है।