जालंधर, 4 नवंबर: पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा किए जा रहे गंभीर प्रयासों के तहत, जिले में फसल अवशेषों के उचित प्रबंधन के लिए सिविल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी त्योहारी सीजन के दौरान फील्ड में तैनात रहे। डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल के निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए एसडीएमज, तहसीलदार और पुलिस टीमों ने पराली जलाने से रोकने के लिए गांवों में नियमित दौरे किए। जिक्र योग्य है कि एसडीएम आदमपुर विवेक मोदी और एसडीएम फिल्लौर अमनपाल सिंह ने स्वयं गांव डरोली खुर्द और बोपाराए में जाकर पराली को बुझाने और फसल अवशेषों के उचित प्रबंधन के प्रति जागरूक किया।
जिला प्रशासन द्वारा पराली जलाने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए लगातार जागरूकता गतिविधियां करवाई जा रही हैं। प्रशासन ने उन अग्रणी किसानों की सराहना की, जो पर्यावरण की सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। एसडीएम शुभी आंगरा, लाल विश्वास और बलबीर राज ने अपने क्षेत्रों में किसानों से मिलकर उन्हें पराली न जलाने की अपील की। वरिष्ठ अधिकारियों ने इन-सीटू तकनीक का उपयोग करके मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और फसल अवशेषों का खेत में ही प्रबंधन करने की अपील की।
पराली जलाने को रोकने के इन प्रयासों के चलते इस वर्ष जालंधर में पराली जलाने के मामलों में आई कमी से यह स्पष्ट होता है कि जिला प्रशासन पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने और नई कृषि तकनीकों के अधिकतम उपयोग के प्रति प्रतिबद्ध है।