सडक़ हादसों में जाने वाली बेशकीमती मानवीय जानें बचाने के लिए मुख्यमंत्री का सपना साकार हुआ, राज्य में ‘सडक़ सुरक्षा फोर्स’ की शुरुआत
कीमती जानें बचाने में मददगार साबित होगी सडक़ सुरक्षा फोर्स
राज्य में देश की पहली ‘सडक़ सुरक्षा फोर्स’ लोक सेवा को समर्पित
सालाना 3000 के करीब जानें बचाने के उद्देश्य से किया गठन
जालंधर, 27 जनवरी: राज्य में सडक़ हादसे घटा कर सालाना 3000 के करीब बहुमूल्य मानवीय जानें बचाने के उद्देश्य से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज देश की पहली ‘सडक़ सुरक्षा फोर्स’ के 129 हाई-टैक वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया। पी.ए.पी. ग्राउंड में इस फोर्स की शुरुआत करने के लिए आयोजित किए गए समारोह के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के लिए आज यह ऐतिहासिक पल है, क्योंकि लोगों को सुरक्षित रखने के लिए समर्पित फोर्स की शुरुआत करने वाला पंजाब पहला राज्य बन गया है, जिससे लोगों की जान बचाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि इस फोर्स के गठन और उसके बाद लोगों को समर्पित करने में सभी अधिकारियों ने अहम रोल अदा किया है। भगवंत सिंह मान ने उम्मीद ज़ाहिर की कि यह फोर्स लोगों की कीमती जानें बचाने और यातायात की व्यवस्था को सुचारू बनाने में बहुत बड़ा रोल अदा करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फोर्स के गठन का विचार रातों-रात नहीं आया, बल्कि इस गंभीर समस्या के गंभीर स्व- आलोचना का नतीजा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि संसद मैंबर के तौर पर उन्होंने लोक सभा में सडक़ हादसों का मुद्दा ज़ोरदार ढंग से उठाया था, क्योंकि इन हादसों के कारण राज्य में रोज़ाना 12 मौतें होती थीं। उन्होंने कहा कि तब से ही उनके मन में यह सोच थी कि जब भी राज्य की सेवा करने का अवसर मिला तो लोगों की जान बचाने के लिए समर्पित फोर्स बनाई जाएगी और आज उनका यह सपना साकार हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फोर्स के गठन से पुलिस के जवान अपनी पुलिस ड्यूटी को और अधिक प्रभावशाली ढंग से निभा सकेंगे। उन्होंने कहा कि जो वाहन इस फोर्स को दिए गए हैं, वह वाहन दुनिया भर के सबसे बढिय़ा वाहनों में से एक हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि एस.एस.एफ. आम व्यक्ति की जान बचाने के लिए अहम भूमिका निभाएगी और अब से एस.एस.एफ. के कामकाज की पड़ताल करने के लिए हर महीने के आंकड़ों से अध्ययन किया जाएगा और हर महीने के बाद आंकड़े लोगों के साथ साझे किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फोर्स का गठन सडक़ हादसों के सम्बन्ध में पंजाब को सबसे सुरक्षित राज्य बनाने की तरफ उपयुक्त कदम है। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब राज्य और यहाँ के लोगों की भलाई के लिए सार्वजनिक हित में यह मनोरथ प्राप्त किया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने एस.एस.एफ. के स्टाफ को भी लोगों की कीमती जानें बचाने के लिए अपनी ड्यूटी और अधिक ईमानदारी और समर्पित भावना से निभाने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्राइविंग लाइसैंसों के लिए भी प्वाइंट्स की व्यवस्था की जाएगी, जिससे आने वाले समय में बार-बार उल्लंघन करने वालों को उनके ड्राइविंग लायसेंस रद्द करके सजा दी जा सके। उन्होंने कहा कि यह समय की ज़रूरत है कि लोग ट्रैफिक़ नियमों की पालना करने के साथ-साथ वाहनों की यातायात को सुचारू बनाया जाए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बहुत ही गर्व और संतुष्टी की बात है कि बड़ी संख्या में लड़कियाँ पुलिस फोर्स में शामिल हो रही हैं और एस.एस.एफ. के वाहनों के 90 चालक भी लड़कियाँ हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फोर्स 5500 किलोमीटर राज्य और राष्ट्रीय मार्गों को कवर करने के लिए सडक़ सुरक्षा योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब में पिछले कुछ दशकों के दौरान यातायात और सडक़ीय ढांचे में महत्वपूर्ण विस्तार हुआ है। भगवंत सिंह मान ने चिंता ज़ाहिर की कि 65 प्रतिशत सडक़ीय मौतें राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर घटती हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से ज़्यादातर घातक हादसे शाम 6:00 बजे से रात 12:00 बजे के दरमियान घटते हैं, जब इन सडक़ों पर पुलिस की मौजुदगी बहुत कम होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने और तेज रफ़्तार वाहन को रोकने के लिए विशेष साजो-सामान से लैस 129 पैट्रोलिंग वाहन (गश्त करने वाले वाहन) इन रूटों पर तैनात किए जाएंगे और वाहन हरेक 30 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगा। उन्होंने कहा कि नए भर्ती हुए पुलिस कर्मचारियों में से जिन पुलिस कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण दिया गया है, को सडक़ सुरक्षा फोर्स में तैनात किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने बताया कि यह प्रशिक्षण कपूरथला में दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह फोर्स एक ओर राज्य में सडक़ हादसों के कारण होने वाली मौतों की दर पर रोक लगाने और दूसरी ओर राज्य की सडक़ों पर यातायात को सुचारू बनाने के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी किस्म की पहली विशेष फोर्स पंजाब में रोज़ाना के सडक़ हादसों में जा रही कई कीमती जानों को बचाने के लिए सहायक होगी। उन्होंने बताया कि इन वाहनों में किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को इमरजैंसी इलाज मुहैया करवाने के लिए पूरी मेडिकल किट भी होगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों को समय पर अपेक्षित डॉक्टरी सहायता मिलने को सुनिश्चित बनाने के लिए फोर्स को ट्रॉमा सैंटरों के साथ जोड़ा जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में घटते सडक़ हादसों में रोज़ाना 14 के करीब कीमती जानें चली जाती हैं। उन्होंने कहा कि सडक़ों की सुचारू व्यवस्था करके इन कारणों की जांच की जा सकती है जिसके लिए पंजाब पुलिस में ‘सडक़ सुरक्षा फोर्स’ गठित की गई है। भगवंत सिंह मान ने उम्मीद अभिव्यक्त की कि यह फोर्स सडक़ हादसों को रोकने के लिए अंधाधुन्ध ड्राइविंग करने वालों, सडक़ों पर वाहनों की यातायात को सुचारू बनाने और अन्य कार्यों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और इसके साथ थानों में तैनात पुलिस कर्मचारियों पर बोझ भी घटेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस लोगों को इन्साफ दिलाने के लिए अपनी ड्यूटी निष्पक्ष रूप से निभा रही है। उनकी सरकार ने पुलिस को रिमोट और कंप्यूटर के तौर पर बरतने की बजाय उनकी कार्य-कुशलता बढ़ाने के लिए यह यंत्र पुलिस के हाथों में दे दिए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार पुलिस फोर्स की भलाई के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है, जिससे वह अपनी ड्यूटी और अधिक निष्ठा भावना से निभाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सबसे अग्रणी राज्य रहा है और भविष्य में भी हमेशा अग्रणी रहेगा, क्योंकि पंजाबियों को सख़्त मेहनत और दृढ़ जज़्बे की बख्शीश प्राप्त है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा से निभा रही है, जिससे पंजाब हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व करे। भगवंत सिंह मान ने लोगों को इस नेक कार्य में राज्य सरकार का साथ देकर सक्रिय भूमिका निभाने का न्योता दिया। मुख्यमंत्री ने एस.एस.एफ के पहले पड़ाव के रोडमैप की भी शुरुआत की, जिसके आधार पर वाहन राज्य में सक्रिय रहेंगे। इस मौके पर पुलिस के डायरैक्टर जनरल गौरव यादव, गृह सचिव गुरकीरत किरपाल सिंह, पुलिस के अतिरिक्त डायरैक्टर जनरल एम.एफ. फारूकी और ए.एस. राय भी मौजूद थे।