करतारपुर 28 सितंबर( जसवंत वर्मा ) गुरु विरजानन्द गुरुकुल महाविद्यालय, करतारपुर के वार्षिकोत्सव के छठे दिन राष्ट्र रक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. वेदपाल आर्य ने अपने संबोधन में कहा “राष्ट्र तभी तक सुरक्षित है, जब तक उसकी संस्कृति और सभ्यता सुरक्षित है। इसलिए हमें अपनी संस्कृति को सुरक्षित बनाए रखने हेतु हर संभव प्रयास करना चाहिए।”
सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे आचार्य आर्य नरेश ने युवाओं को मजबूत बनाने और धर्म की दृढ़ता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने धर्म और संस्कृति को सशक्त करेंगे, तो राष्ट्रविरोधी ताकतें हमारे देश को क्षति नहीं पहुँचा सकेंगी।
कार्यक्रम की शुरुआत यज्ञ से हुई। मुख्य यजमान के रूप में राकेश भगत, सुशीला भगत एवं परिवार तथा गौरव सरीन (लुधियाना) ने आहुतियाँ प्रदान कीं। यज्ञोपरांत आचार्य आर्य नरेश द्वारा ओ३म् ध्वज’ का ध्वजारोहण किया गया। उन्होंने कहा ओ३म् ध्वज ईश्वर का ध्वज है, यह सदैव ऊँचा लहराना चाहिए।”
इस अवसर पर पं. अजय आर्य (मेरठ) ने राष्ट्रभक्ति भजनों के माध्यम से समाज की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया। वहीं रामसुफल शास्त्री (चंडीगढ़) ने राष्ट्र सुरक्षा पर प्रभावशाली उद्बोधन दिया। अतिथियों का स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए गुरुकुल करतारपुर के प्रधान श्री ध्रुव कुमार मित्तल ने कहा कि “भौगोलिक सीमाओं की रक्षा सेना करती है, परंतु राष्ट्र को वैचारिक रूप से सुदृढ़ करना भी राष्ट्र रक्षा का ही कार्य है।”कार्यक्रम में विशेष रूप से कमल आर्य (वेद प्रचार अधिष्ठाता, आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब), रंजीत आर्य (प्रधान, शहीद भगत सिंह नगर, जालंधर), स्वतंत्र कुमार आर्य (मंत्री, आर्य समाज जंडियाला गुरु, अमृतसर) सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।