कीव – पोलैंड के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे के बाद यूक्रेन पहुंचे हैं। वह स्पेशल रेल फोर्स वन से कीव पहुंचे। वह यहां सात घंटे तक रहेंगे। कीव में भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया। मोदी ने राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। दोनों नेता यूक्रेन नेशनल म्यूजियम पहुंचे,
जहां उन्होंने जंग में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रखा जिसकी तस्वीर वायरल हो रही है। यूक्रेन के दौरे पर जाने वाले PM मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद यूक्रेन की स्थापना हुई थी। तब से लेकर आज तक कोई भी भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन नहीं गया था। पीएम मोदी ने जून में इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की से बातचीत की थी।
बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से कहा था कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में वह सब कुछ करेगा जो वह कर सकता है। उन्होंने कहा था कि बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही शांति लाई जा सकती है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को कीव आने का निमंत्रण दिया था
पीएम मोदी ने जून में इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की से बातचीत की थी। बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से कहा था कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में वह सब कुछ करेगा जो वह कर सकता है। उन्होंने कहा था कि बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही शांति लाई जा सकती है। बैठक में यूक्रेनी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को कीव आने का निमंत्रण दिया था।
वैश्विक नेताओं द्वारा ट्रेन के जरिए पोलैंड से यूक्रेन की यात्रा एक कूटनीति का हिस्सा मानी जाती है। इस कूटनीति को ‘आयरन डिप्लोमेसी’ का नाम दिया गया है। यूक्रेनी रेलवे के सीईओ ओलेक्सांद्र कामिशिन ने ‘आयरन डिप्लोमेसी’ शब्द गढ़ा है। आयरन डिप्लोमेसी के तहत दुनिया के नेता युद्ध और हवाई क्षेत्र बंद होने की अनदेखी करके कीव के लिए भूमि मार्ग अपनाते हैं। इसके अलावा नेता संघर्ष के मामले में, शांति पर चर्चा करने के लिए यूक्रेन को समर्थन दिखाते हैं।